zindgi k mayane talash karti aur is talash me zindgi ka har rang dikhati aapki kavita jitni achhi ban padi hai,utna hi achha iska back ground bhi hai……BADHAI
रजत जी , बहुत भावपूर्ण एवं संवेदनशील रचना है आपकी .बधाई .लेकिन कहीं कहीं भाषा और टाइपिंग की गलतियाँ हैं उन्हें सुधIर लें .जैसे … धरती की प्यास बुझ गया ..गलत है इसकी जगह ..धरती की प्यास बुझ गयी ..होना चाहिए . आशा है अन्यथा नहीं लेंगे .
bahut badiya rajat ji……..
wah khubsurat hai
zindgi k mayane talash karti aur is talash me zindgi ka har rang dikhati aapki kavita jitni achhi ban padi hai,utna hi achha iska back ground bhi hai……BADHAI
रजत जी ,
बहुत भावपूर्ण एवं संवेदनशील रचना है आपकी .बधाई .लेकिन कहीं कहीं भाषा और टाइपिंग की गलतियाँ हैं उन्हें सुधIर लें .जैसे …
धरती की प्यास बुझ गया ..गलत है इसकी जगह ..धरती की प्यास बुझ गयी ..होना चाहिए .
आशा है अन्यथा नहीं लेंगे .