तेरी खुशबू से आबाद है दिन औ रात आज भी छूकर तुझको जो चला गया वक्त जेहन में बसता है वो मेरे आज भी गुज़रे पलों के हर्फों में तुम्हे तलाशना खुशी के वास्ते यह सिलसिला जारी है आज भी मौसम के हर रंग पर, दिल की हर उमंग पर लिखती हूँ तेरा नाम आज भी मंजिलों को भूल चुकी हूँ मैं मुसाफिरों के लिए तेरे रास्ते की चाहत बाकी है आज भी
अच्छी कविता & nice post
Roomaniyat aur dard ko jeete sundar abhivyakti !!
u write wonderfully good !
रजत भाई बहुत डूबकर लिखते हो. ये संवेदनायें आपके व्यक्तित्व के विषय में बहुत कुछ कह रही हैं. क्या आप ग़ज़लें भी कहते है?
अच्छी कविता और अंदाज़ निराला
rajat ji apki sabhi kavitayein lazabab hain
bahut hi sundar rachna
Hi,
I do not know which adjective to use!! It is amazing and sensitive.
Hats off!
Rgds,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com/
bahut hi achhi kavita ..
I like ur way and presentation of writings..
good work.
mere blogs par aapka swagat hai…
http://sheena-life-through-my-eyes.blogspot.com
http://hasya-cum-vayang.blogspot.com/
http://mind-bulb.blogspot.com/
mere aanganki mitti, mehakti hai teri khushboo se aaj bhi…
isi se milte julte bhaav humne bhi kabhi likhe they…kabhi fursat mein padhiyega mera blog..
तेरी खुशबू से आबाद है दिन औ रात आज भी
छूकर तुझको जो चला गया वक्त
जेहन में बसता है वो मेरे आज भी
गुज़रे पलों के हर्फों में तुम्हे तलाशना
खुशी के वास्ते यह सिलसिला जारी है आज भी
मौसम के हर रंग पर, दिल की हर उमंग पर
लिखती हूँ तेरा नाम आज भी
मंजिलों को भूल चुकी हूँ मैं
मुसाफिरों के लिए तेरे रास्ते की चाहत बाकी है आज भी
Nice post as for me. I'd like to read something more about that theme. Thanks for sharing this info.
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